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बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र भाग- 17

 बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र  भाग- 17





Q. यौनयदि समस्त जीवन का नही तो किशोरवस्था का अवश्य ही मूल तत्व है। यह किसने कहा।
ANS– रॉस ने



Q. कुशाग्रबुद्धि अथवा प्रतिभावन बालक वह है जो निरन्तर किसी भी उचित कार्यक्षेत्र में अपनी अद्भुत कार्यकुशलता अथवा प्रवीणता का परिचय देता है। यह कथन किसका है।
ANS– हैविंग्हर्स्ट



Q. पिछडा बालक वह है जो अपने अध्ययन के मध्यकाल में अपनी कक्षा का कार्यजो उसकी आयु के अनुसार एक कक्षा नीचे का है करने मे असमर्थ रहता है यह किसने कहा ।
ANS– सिरिल बर्ट ने



Q. समस्यात्मतक बालक उन बालकों के लिये प्रयोग किया जाता है जिनका व्यवहार अथवा व्‍यक्तित्व‍ किसी बात मे गम्भीर रूप से असमान्य होता है। यह कथन किस मनोवैज्ञानिक का है।
ANS– वेलेन्टाइन



Q. वह बालक जो समाज द्वारा स्वीकृत आचरण का पालन नही करता अपराधी कहलाता है यह किसने कहा।
ANS– हीली ने



Q. बुद्धि के किस सिद्धान्त को बालू का ढेर कहा जाता है।
ANS– बहुतत्व सिद्धान्त को



Q. व्यक्ति के चेहरे को देखकर उसकी बुद्धि का पता लगाया जा सकता है। यह कथन किसका है।
ANS– लेवेटर का



Q. वे शिक्षार्थी जो संवृद्ध ज्ञान और शै‍क्षणिक दक्षता को । हार्दिक इच्छा प्रदर्शित करते है । उनके पास होता है।
ANS– निष्पादन उपागम अभिविन्यास



Q. प्रतिभाशाली बालक वह है जो अपने उत्पा‍दन की मात्रा दर तथा गुणवत्ता् में विशिष्ट होता है। यह कथन दिया गया है।
ANS– टर्मन एवं ओडन द्वारा







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